
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Yojana) से जुड़े लाभार्थियों के लिए आगामी बजट 2024 विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो सकता है। बढ़ती महंगाई और खेती पर बढ़ते खर्च को देखते हुए सरकार इस योजना के तहत सालाना 6,000 रुपये की राशि को बढ़ाकर 10,000 रुपये कर सकती है। अब तक इस योजना के तहत सरकार ने 18 किस्तें जारी की हैं, और किसान अब 19वीं किस्त का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
सरकार ने इस योजना के माध्यम से छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। इस योजना का विस्तार किसानों के जीवनस्तर को और बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है।
किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ने की संभावना
1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) की लिमिट को बढ़ाने की घोषणा हो सकती है। वर्तमान में किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए किसानों को 3 लाख रुपये तक का कर्ज मिलता है। उम्मीद है कि सरकार इस सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर सकती है।
किसानों के लिए यह कदम खेती की लागत को प्रबंधित करने और कृषि संबंधित उपकरण खरीदने में सहायक हो सकता है। यह कृषि क्षेत्र में वित्तीय उपलब्धता को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा सुधार होगा।
कृषि क्षेत्र के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपये के आवंटन की उम्मीद
बजट 2024 में कृषि क्षेत्र और इससे संबंधित गतिविधियों के लिए करीब 1.75 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया जा सकता है। यह राशि पिछले साल के मुकाबले लगभग 15 प्रतिशत अधिक है। चालू वित्त वर्ष में यह राशि 1.52 ट्रिलियन रुपये है।
यह वृद्धि बीजों के विकास, भंडारण के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण, और सप्लाई चेन को मजबूत बनाने के लिए उपयोग की जा सकती है। साथ ही यह कदम किसानों की उत्पादकता बढ़ाने और कृषि से जुड़े आर्थिक विकास को गति देने में सहायक हो सकता है।
एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट पर बढ़ता फोकस
सरकार ने 2030 तक कृषि उत्पादों के एक्सपोर्ट को 50 अरब डॉलर से बढ़ाकर 80 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। यह पहल भारत की एग्रीकल्चर सप्लाई और एक्सपोर्ट क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से की गई है।
सरकार की योजना है कि कृषि उत्पादों की गुणवत्ता को बढ़ाकर वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाई जाए। यह कदम किसानों को अधिक लाभ प्रदान करने और भारतीय कृषि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत बनाने में सहायक होगा।
उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर जोर
देश के किसान इस बार के बजट में सरकार से अनाजों के भंडारण, बीजों के डेवलपमेंट, और सप्लाई इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने की उम्मीद कर रहे हैं। इसके अलावा दाल, तिलहन, सब्जियों और डेयरी उत्पादों की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए भी विशेष प्रावधान किए जा सकते हैं।
यह पहल किसानों की आय को दोगुना करने और कृषि को एक लाभकारी व्यवसाय के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से की जा सकती है।
किसानों की मांगों को बजट से उम्मीदें
किसानों को इस बार के बजट से यह उम्मीद है कि सरकार खेती से जुड़े सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए बड़े और प्रभावी कदम उठाएगी। चाहे वह वित्तीय सहायता हो, या इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, सरकार का फोकस कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने पर रहेगा।