
आज, बुधवार 29 जनवरी 2025 को सोने की कीमत में लगातार तीसरे दिन गिरावट आई है। यह गिरावट बजट से पहले देखने को मिल रही है, जिसमें उम्मीद की जा रही है कि सरकार आयात शुल्क (Import Duty) को बढ़ा सकती है। यह स्थिति सोने के बाजार में उथल-पुथल का कारण बन रही है, क्योंकि पिछले साल बजट में सरकार ने आयात शुल्क को कम किया था।
सोने की कीमतों में यह गिरावट एक ऐसे समय में हो रही है जब बाजार और निवेशक दोनों आगामी वित्तीय बजट की घोषणाओं को लेकर बेहद सतर्क हैं। इस समय, सोने के भाव में कमी निवेशकों के लिए एक सस्ती खरीदारी का मौका प्रस्तुत कर सकती है, लेकिन साथ ही सरकार द्वारा आयात शुल्क बढ़ाने की संभावनाएं सोने की कीमतों को फिर से ऊंचा कर सकती हैं।
सोने की कीमत में लगातार गिरावट
सोने की कीमतें आज 30 ग्राम 22 कैरेट गोल्ड के लिए ₹52,000 के नीचे कारोबार कर रही हैं, जो पिछले कुछ महीनों में देखी गई सबसे कम कीमत है। 24 कैरेट सोने का दाम ₹56,000 के आसपास पहुंच चुका है, जो कि तीन दिनों पहले की तुलना में काफी कम है। इस गिरावट का कारण यह हो सकता है कि बाजार में आगामी बजट की अनिश्चितताओं का असर पड़ रहा है।
इस गिरावट ने सोने के बाजार को एक नये आयाम पर ला खड़ा किया है, जिसमें निवेशकों को यह समझने की जरूरत है कि वे आने वाले दिनों में सोने को खरीदने या बेचने के लिए किस तरह की रणनीति अपनाएं। हालांकि, यह भी देखा जा रहा है कि कुछ निवेशक सोने के भाव में गिरावट के बावजूद इसे एक सुरक्षित निवेश मानकर खरीदारी कर रहे हैं।
बजट का असर: सरकार की आयात शुल्क बढ़ाने की संभावना
इस साल के बजट से पहले कई विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार सोने पर आयात शुल्क (Import Duty) को फिर से बढ़ा सकती है। पिछले बजट में सरकार ने आयात शुल्क को घटाया था, जिससे सोने की कीमतें कुछ समय तक सस्ती बनीं। लेकिन इस बार ऐसी उम्मीदें हैं कि सरकार आयात शुल्क बढ़ाकर सोने की कीमतों को नियंत्रित करने का प्रयास कर सकती है। यदि ऐसा होता है, तो यह सोने की कीमतों को फिर से ऊंचा कर सकता है।
इस संभावित बदलाव का असर सोने के बाजार पर पड़ सकता है, और खासतौर पर उन निवेशकों पर जो सोने को एक सुरक्षित निवेश के रूप में देखते हैं। आयात शुल्क का बढ़ना सोने की मांग को प्रभावित कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप कीमतों में उतार-चढ़ाव आ सकता है। इस समय निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है, ताकि वे बजट के बाद की स्थिति का सही अनुमान लगा सकें।
2025 के पहले महीने में सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव
वर्तमान में, सोने की कीमतें 2025 के पहले महीने में ही कई बार घट चुकी हैं। यह गिरावट अक्टूबर 2024 से अब तक की सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है। जनवरी के अंत तक सोने की कीमत में यह कमी दर्शाती है कि बाजार में अस्थिरता बढ़ी है और निवेशकों को इसके लिए तैयार रहना होगा।
यह गिरावट वैश्विक स्तर पर सोने की मांग और आपूर्ति के असंतुलन का भी परिणाम हो सकती है। दूसरी ओर, घरेलू सोने की कीमतें डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी से प्रभावित हो सकती हैं। अगर रुपये की कीमत कमजोर होती है, तो इसका असर सोने की कीमतों पर पड़ सकता है, और यदि आयात शुल्क बढ़ता है, तो सोने के दाम में और भी तेजी देखने को मिल सकती है।
गोल्ड की स्थिति और भविष्यवाणियाँ
आने वाले दिनों में सोने की कीमतों के बारे में कई भविष्यवाणियाँ की जा रही हैं। कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर सरकार आयात शुल्क बढ़ाती है, तो सोने की कीमतों में स्थिरता आएगी और फिर से ऊंची हो सकती हैं। वहीं कुछ और मानते हैं कि यदि वैश्विक बाजारों में सोने की कीमतों में स्थिरता बनी रहती है, तो सोने की कीमतों में हल्की गिरावट भी देखी जा सकती है।
आने वाले महीनों में सोने की कीमतें वैश्विक आर्थिक स्थितियों, रुपए की स्थिति, और सरकार की नीति पर निर्भर करेंगी। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने निवेश निर्णयों को सावधानी से लें और बाजार की परिस्थितियों पर नज़र रखें।