बिजली मीटर (Electricity Meter) एक ऐसा उपकरण है, जो घर, ऑफिस या दुकान में इस्तेमाल होने वाली बिजली की खपत को मापता है। यह मीटर यूनिट्स (Units) में रीडिंग दिखाता है, जिससे उपभोक्ता और बिजली विभाग को पता चलता है कि कितनी बिजली का उपयोग किया गया है। बिजली विभाग इसी आधार पर मासिक बिल तैयार करता है।
अक्सर लोग बिजली मीटर की सही रीडिंग नहीं जानते और इसका सीधा असर उनके बिजली बिल पर पड़ता है। कई बार उपभोक्ताओं को यह समझ नहीं आता कि उनका बिल कैसे बना है और क्यों बढ़ रहा है। यदि आप बिजली मीटर की रीडिंग को सही तरीके से समझेंगे, तो आप अपने बिजली बिल को मॉनिटर कर सकते हैं और अनावश्यक खर्चों को रोक सकते हैं।
बिजली मीटर की रीडिंग कैसे पढ़ें?
मीटर की रीडिंग नोट करें
- बिजली मीटर की रीडिंग जानने के लिए सबसे पहले मीटर पर दिख रही संख्या को नोट करें। ध्यान दें कि मीटर में जो अंतिम कुछ अंक लाल रंग में होते हैं, उन्हें नहीं लिखना चाहिए क्योंकि वे दशमलव के बाद के अंक होते हैं और गणना में शामिल नहीं किए जाते।
- एक महीने बाद दोबारा अपने बिजली मीटर की रीडिंग नोट करें। इस बार भी वही प्रक्रिया अपनाएं और केवल सफेद या काले अंकों में दिख रही संख्या को ही दर्ज करें।
- अब आपको पहले महीने की रीडिंग और दूसरे महीने की रीडिंग के बीच का अंतर निकालना होगा। इसके लिए नई रीडिंग में से पुरानी रीडिंग को घटा दें। इससे आपको पता चलेगा कि एक महीने में कितनी यूनिट बिजली की खपत हुई है।
1 यूनिट बिजली का मतलब क्या होता है?
- 1 यूनिट बिजली का मतलब 1000 वाट घंटे (kWh) होता है। यानी यदि आप 1000 वाट के किसी उपकरण को एक घंटे तक इस्तेमाल करते हैं, तो वह 1 यूनिट बिजली खर्च करेगा।
- ऊपर बताए गए तरीके से निकली हुई कुल यूनिट्स को नोट करें।
- हर राज्य में बिजली की प्रति यूनिट दर अलग होती है। आप अपने राज्य की बिजली वितरण कंपनी की वेबसाइट पर जाकर यह जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
- अब आपको अपनी कुल बिजली खपत को राज्य की प्रति यूनिट दर से गुणा करना होगा। उदाहरण के लिए, यदि आपकी खपत 200 यूनिट है और आपके राज्य में प्रति यूनिट दर 6 रुपये है, तो आपका बिल होगा:
- 200 × 6 = 1200 रुपये
टैक्स और अन्य शुल्क जोड़ें
बिजली बिल में सिर्फ यूनिट चार्ज ही नहीं, बल्कि अन्य शुल्क भी जोड़े जाते हैं, जैसे:
- फिक्स्ड चार्ज (Fixed Charge)
- बिजली कर (Electricity Duty)
- मीटर किराया (Meter Rent)
- GST और अन्य शुल्क
इन सभी शुल्कों को जोड़ने के बाद आपका कुल बिजली बिल तैयार होता है।
बिजली बिल ज्यादा क्यों आता है?
- कई बार बिजली बिल अचानक से बढ़ जाता है और उपभोक्ता इसकी असली वजह नहीं समझ पाते। इसके पीछे कुछ प्रमुख कारण हो सकते हैं:
- अगर आपने नए बिजली उपकरण खरीदे हैं या मौजूदा उपकरणों का अधिक उपयोग कर रहे हैं, तो बिजली की खपत बढ़ जाती है।
- टीवी, पंखे, लैपटॉप चार्जर और अन्य उपकरण अगर इस्तेमाल न होने के बावजूद प्लग में लगे रहते हैं, तो भी बिजली खर्च होती है।
- इन्वर्टर की बैटरी चार्ज होने में भी अच्छी-खासी बिजली खपत होती है, जो कुल बिल को प्रभावित करती है।
- गर्मी में AC और सर्दी में हीटर का अधिक उपयोग बिजली बिल को बढ़ा सकता है।
- पुराने पंखे, रेफ्रिजरेटर और अन्य उपकरण अधिक बिजली खपत करते हैं, क्योंकि इनकी ऊर्जा दक्षता कम होती है।
- अगर आप चाहते हैं कि आपका बिजली बिल कम आए, तो कुछ आसान उपाय अपनाने चाहिए:
LED बल्ब और ट्यूबलाइट का उपयोग करें
- ये कम बिजली खपत करते हैं और लंबे समय तक चलते हैं।
- जब उपयोग में न हों, तो पंखे, लाइट और चार्जर को स्विच ऑफ कर दें।
- 5-स्टार रेटिंग वाले बिजली उपकरण खरीदें, जो कम बिजली खपत करें और बिजली बिल को कम करें।
- रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) का उपयोग करने से आपकी बिजली खपत कम हो सकती है और बिल भी घट सकता है।
- एयर कंडीशनर को 24-26 डिग्री सेल्सियस पर सेट करें ताकि बिजली की खपत कम हो।
- फ्रिज का दरवाजा बार-बार खोलने से इसकी मोटर अधिक बिजली खपत करती है, जिससे बिजली बिल बढ़ता है।
क्या करें अगर बिजली बिल ज्यादा आ रहा हो?
अगर आपको लगता है कि आपका बिजली बिल ज्यादा आ रहा है, तो नीचे दिए गए उपाय अपनाएं:
- अपने मीटर की रीडिंग खुद चेक करें और इसे अपने बिल से मिलाएं।
- बिजली विभाग की हेल्पलाइन पर संपर्क करें और गलत बिल की शिकायत करें।
- मीटर की जांच करवाएं, अगर आपको लगता है कि यह सही तरीके से काम नहीं कर रहा है।
- स्मार्ट मीटर लगवाएं, जिससे बिजली की खपत को आसानी से मॉनिटर किया जा सकता है।