उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ और अन्य शिक्षक संगठनों ने बसंत पंचमी की अवकाश तिथि में संशोधन की मांग की है। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक को पत्र लिखा गया है, जिसमें कहा गया है कि अवकाश तालिका में बसंत पंचमी का स्नान 2 फरवरी को दर्शाया गया है, जबकि स्नान पर्व 3 फरवरी को घोषित किया गया है। ऐसे में शिक्षक संगठनों ने अनुरोध किया है कि 2 फरवरी की बजाय 3 फरवरी को अवकाश घोषित किया जाए।
इसके साथ ही शिक्षक संघों ने मौनी अमावस्या (29 जनवरी) को भी अवकाश घोषित करने की मांग की है। शिक्षक संघ (शर्मा गुट) के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कुमार त्रिपाठी और उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह ने इस संबंध में अपनी सहमति जताई है।
तीन दिन का सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग
विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर तीन दिन का सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की अपील की है। संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष संतोष तिवारी और प्रदेश सचिव (संयुक्त मोर्चा) दिलीप चौहान ने अपने पत्र में तर्क दिया है कि 144 साल बाद पड़ रहे महाकुंभ में स्नान व धार्मिक अनुष्ठान के लिए शिक्षकों और कर्मचारियों को छुट्टी मिलनी चाहिए, संगठन का कहना है कि महाकुंभ जैसे ऐतिहासिक और धार्मिक आयोजनों में हिस्सा लेने का अवसर पीढ़ियों में एक बार ही मिलता है, इसलिए सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
महाकुंभ के कारण वाराणसी में ऑनलाइन क्लासेज
महाकुंभ में उमड़ रही भारी भीड़ को देखते हुए वाराणसी के जिला विद्यालय निरीक्षक ने कक्षा 1 से 12वीं तक की सभी कक्षाओं को 5 फरवरी तक ऑनलाइन संचालित करने के निर्देश दिए हैं। इससे स्कूलों में विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और भीड़भाड़ से बचने में मदद मिलेगी।
शिक्षक संघों की प्रमुख मांगें
- बसंत पंचमी का अवकाश 2 फरवरी के बजाय 3 फरवरी को घोषित किया जाए।
- 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के अवसर पर अवकाश दिया जाए।
- 144 साल बाद पड़ रहे महाकुंभ को देखते हुए तीन दिन का सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए।
- महाकुंभ में कर्मचारियों और शिक्षकों को धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेने का अवसर दिया जाए।
- स्कूलों की सुरक्षा और विद्यार्थियों की सहूलियत के लिए वाराणसी की तरह अन्य जगहों पर भी ऑनलाइन कक्षाएं चलाई जाएं।
महाकुंभ 2025 का महत्व
- महाकुंभ एक ऐसा आयोजन है, जो हर 12 साल में प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में आयोजित होता है, लेकिन प्रयागराज महाकुंभ को विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस वर्ष 144 साल बाद दुर्लभ योग बन रहा है, जिसे लेकर श्रद्धालुओं में खास उत्साह है।
- महाकुंभ के दौरान देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान करने के लिए आते हैं। इसे हिंदू धर्म में मोक्ष प्राप्ति का अवसर माना जाता है। इसी कारण शिक्षक संघ और अन्य संगठनों का मानना है कि इस पावन अवसर पर तीन दिन का अवकाश दिया जाना चाहिए, जिससे सभी लोग अपने परिवार के साथ धार्मिक अनुष्ठान कर सकें।
सरकार का क्या हो सकता है फैसला?
उत्तर प्रदेश सरकार फिलहाल इस मामले पर विचार कर रही है। हालांकि, महाकुंभ को लेकर बड़े स्तर पर सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारियां की जा रही हैं। ऐसे में सरकार द्वारा कुछ छूट दी जा सकती है, लेकिन फिलहाल कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, शिक्षक संघों की मांग को लेकर शिक्षा विभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय में चर्चा जारी है। संभावना जताई जा रही है कि सरकार जल्द ही इस पर कोई फैसला ले सकती है।