
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) से जुड़े नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जो निवेशकों के लिए जानना आवश्यक है। यदि आप भी FD में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो इन नए दिशानिर्देशों को समझना आपके लिए लाभदायक होगा।
फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश
भारत में फिक्स्ड डिपॉजिट हमेशा से ही उन निवेशकों के लिए पसंदीदा विकल्प रहा है, जो बिना जोखिम के सुनिश्चित रिटर्न चाहते हैं। हालांकि, कई बार निवेशकों के मन में यह सवाल उठता है कि एक व्यक्ति कितने FD अकाउंट खोल सकता है। RBI के नवीनतम दिशानिर्देशों के अनुसार, 18 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति अपनी आय के अनुसार सरकारी या निजी बैंकों में एक से अधिक फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट खोल सकता है। FD अकाउंट की संख्या पर कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई है, बशर्ते सभी आवश्यक दस्तावेज़ और KYC प्रक्रिया पूरी की गई हो।
पैन कार्ड की अनिवार्यता और TDS प्रावधान
फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट खोलने के लिए पैन कार्ड एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है। यदि आप किसी बैंक या पोस्ट ऑफिस में FD में निवेश करना चाहते हैं, तो पैन कार्ड अनिवार्य है। नियमों के अनुसार, यदि आपकी FD से वार्षिक ब्याज आय ₹40,000 से अधिक है, तो उस पर TDS काटा जाएगा। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा ₹50,000 है। इसलिए, पैन कार्ड की उपलब्धता और सही KYC प्रक्रिया का पालन आवश्यक है।
FD की अवधि और ब्याज दरें
निवेशक 3 महीने से लेकर 10 साल तक की अवधि के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश कर सकते हैं। वर्तमान में, कई बैंक अपने ग्राहकों को FD पर 7% से 8.5% तक की ब्याज दर प्रदान कर रहे हैं, जो निवेशकों के लिए आकर्षक है।