
बिहार सरकार ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए एक नया अवकाश नियम लागू किया है। अब सभी सरकारी कर्मचारियों को छुट्टी लेने के लिए कम से कम 7 दिन पहले आवेदन देना अनिवार्य होगा। यह नियम राज्य के लगभग 6 लाख सरकारी कर्मचारियों पर लागू होगा।
सामान्य प्रशासन विभाग (General Administration Department – GAD) ने इस संबंध में आदेश जारी किया है और सभी विभागाध्यक्षों, प्रमंडलीय आयुक्तों और जिलाधिकारियों को इसका सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं।
नया नियम लागू करने का उद्देश्य
इस नए नियम का मुख्य उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों में सुधार लाना है। पहले, कर्मचारी अक्सर छुट्टी से ठीक 2-3 दिन पहले आवेदन देते थे, जिससे अधिकारियों को अवकाश स्वीकृत करने में कठिनाई होती थी और कार्यालय के कामकाज में बाधा उत्पन्न होती थी।
सरकार का मानना है कि 7 दिन पहले आवेदन करने से कार्य प्रबंधन बेहतर होगा और महत्वपूर्ण योजनाओं के संचालन में देरी नहीं होगी।
किन कर्मचारियों पर लागू होगा यह नया नियम?
बिहार सरकार के इस नए नियम के दायरे में सभी सरकारी कार्यालय और कर्मचारी आएंगे।
- राज्य सरकार के सभी विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी
- जिलाधिकारी, प्रमंडलीय आयुक्त और अन्य सरकारी कार्यालयों के कर्मचारी
- बिहार सरकार द्वारा संचालित सार्वजनिक उपक्रम (PSUs) के कर्मचारी
सरकार ने आदेश जारी कर सभी विभागाध्यक्षों से कहा है कि वे इस नियम का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें। जो कर्मचारी इस नियम का पालन नहीं करेंगे, उनकी छुट्टी स्वीकृत नहीं की जा सकती।
इस नियम के लागू होने के कारण
सरकार ने यह नियम प्रशासनिक सुधार के लिए लागू किया है। कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं:
- कामकाज में बाधा: अंतिम समय में अवकाश आवेदन मिलने से कार्यक्रमों और योजनाओं के संचालन में देरी हो रही थी।
- निर्णय लेने में कठिनाई: अधिकारियों को समय पर अवकाश स्वीकृत करने में परेशानी होती थी।
- कार्यालयों में कार्यभार प्रबंधन की समस्या: बिना पूर्व सूचना के कर्मचारी के छुट्टी पर जाने से अन्य कर्मचारियों पर अतिरिक्त कार्यभार पड़ता था।
- प्रशासनिक सुधार: सरकारी कार्यों को सुचारू रूप से चलाने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
कैसे लागू होगा नया अवकाश नियम?
बिहार के सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने इस नीति को सभी सरकारी कार्यालयों में अनिवार्य रूप से लागू करने के निर्देश दिए हैं।
- अब कर्मचारियों को अवकाश लेने से कम से कम 7 दिन पहले आवेदन देना होगा।
- आखिरी समय में आवेदन देने पर अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाएगा, सिवाय कुछ विशेष परिस्थितियों के।
- विभागाध्यक्ष और वरिष्ठ अधिकारी इस नियम के पालन को सुनिश्चित करेंगे।
- जो कर्मचारी इस नियम का पालन नहीं करेंगे, उनकी छुट्टी स्वीकृत नहीं होगी या फिर वे अनुशासनात्मक कार्रवाई के पात्र हो सकते हैं।
सरकारी कर्मचारियों की प्रतिक्रिया
इस नए अवकाश नियम को लेकर सरकारी कर्मचारियों में मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।
कर्मचारियों का कहना है: “हर परिस्थिति पहले से तय नहीं की जा सकती। कुछ निजी आवश्यकताएं अचानक सामने आती हैं, ऐसे में 7 दिन पहले आवेदन करना संभव नहीं है।”
अधिकारियों का तर्क: “यह नियम प्रशासनिक सुधार और सरकारी योजनाओं के प्रभावी संचालन के लिए जरूरी है।”
हालांकि कर्मचारियों को इस नए नियम की आदत डालनी होगी, लेकिन सरकार इसे जरूरी सुधार मान रही है।
बिहार सरकार के नए अवकाश नियम के संभावित लाभ
यह नया नियम लागू होने से सरकारी कार्यालयों में कई सुधार देखे जा सकते हैं:
- अधिकारियों को कामकाज की सही योजना बनाना आसान होगा।
- महत्वपूर्ण कार्यों में रुकावट नहीं आएगी।
- कार्यों का सही तरीके से विभाजन किया जा सकेगा।
- अनावश्यक छुट्टी लेने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण होगा।
सरकार को उम्मीद है कि इस नए नियम से सार्वजनिक सेवा की गुणवत्ता में सुधार होगा और सरकारी कार्यों की गति तेज होगी।
क्या इस नियम में कोई छूट मिलेगी?
हालांकि यह नियम सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य किया गया है, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में छूट दी जा सकती है, जैसे:
- स्वास्थ्य संबंधी आपातकाल (मेडिकल इमरजेंसी)
- अचानक आने वाली पारिवारिक समस्याएं
- सरकार द्वारा पूर्व-स्वीकृत विशेष मामले
ऐसे मामलों में कर्मचारियों को प्रमाणिक दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे और तभी उनकी आपातकालीन छुट्टी स्वीकृत की जाएगी।