
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 का Budgetपेश करते हुए किराये की आय पर टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) की सीमा में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी की घोषणा की है। सरकार ने इस पहल के तहत मकान मालिकों और किराये से आमदनी प्राप्त करने वाले व्यक्तियों को राहत देने के लिए मौजूदा वार्षिक सीमा को 2.4 लाख रुपये से बढ़ाकर छह लाख रुपये कर दिया है। बजट 2025-26 में किए गए इस महत्वपूर्ण बदलाव से किराये की आमदनी पर कर अनुपालन को आसान बनाया गया है। यह कदम खासतौर पर उन छोटे और मध्यम वर्गीय मकान मालिकों के लिए फायदेमंद साबित होगा, जो अपनी संपत्ति किराये पर देकर अतिरिक्त आय प्राप्त करते हैं। इससे न केवल उनकी आय में बढ़ोतरी होगी, बल्कि वित्तीय बोझ भी कम होगा।
क्या है सरकार का नया प्रावधान?
Budget 2025 भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने कहा, “मैं टीडीएस की कटौती दरों और सीमाओं को तर्कसंगत बनाने का प्रस्ताव रखती हूं, जिससे करदाताओं को अधिक पारदर्शिता और सुविधा मिलेगी।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नए नियमों के तहत किराये पर टीडीएस की वार्षिक सीमा को 6 लाख रुपये किया जा रहा है, जिससे छोटे करदाताओं पर अनुपालन का दबाव कम होगा।
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मौजूदा नियम और नया बदलाव
आयकर अधिनियम की धारा 194-आई के अनुसार, यदि किसी वित्तीय वर्ष में किराये की आय 2.4 लाख रुपये से अधिक होती है, तो उस पर टीडीएस कटौती लागू होती थी। लेकिन, बजट 2025-26 में इस सीमा को बढ़ाकर 50,000 रुपये प्रति माह (यानी छह लाख रुपये सालाना) करने का प्रस्ताव रखा गया है। यह प्रावधान व्यक्तिगत करदाताओं और हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) के अलावा अन्य करदाताओं पर लागू होगा।
एक्सपर्ट्स की राय
वित्तीय मामलों के जानकार और डेलॉयट इंडिया में साझेदार आरती रावते के अनुसार, “अगर कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति, भूमि या मशीनरी को किराये पर देता है और मासिक किराया 50,000 रुपये से अधिक है, तो टीडीएस कटौती आवश्यक होगी।” क्रेडाई-एमसीएचआई के अध्यक्ष डॉमनिक रोमेल ने इस फैसले की सराहना करते हुए कहा कि “किराये पर टीडीएस की सीमा छह लाख रुपये किए जाने से छोटे मकान मालिकों और करदाताओं को राहत मिलेगी। इससे अनुपालन की जटिलताओं में भी कमी आएगी।”
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क्या होगा मकान मालिकों को फायदा?
- कर अनुपालन आसान होगा – छोटे मकान मालिकों को अब कम राशि पर टीडीएस कटौती नहीं करनी होगी।
- नकदी प्रवाह में सुधार – किराये पर अधिक राशि मिलने से वित्तीय स्थिरता बढ़ेगी।
- छोटे करदाताओं को राहत – जिन्हें पहले कम किराये पर भी टीडीएस देना पड़ता था, वे अब बिना कटौती के अधिक आय अर्जित कर सकेंगे।