News

जमीन मालिकों के लिए बड़ा अपडेट! बदला E-KYC फॉर्मेट, अब ऐसे कराना होगा अनिवार्य सत्यापन

राजस्व विभाग ने हिमाचल प्रदेश में ई-केवाईसी प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। अब हर भूमि मालिक को व्यक्तिगत रूप से ई-केवाईसी करानी होगी। नए नियम से भूमि स्वामित्व में पारदर्शिता आएगी और फर्जी रिकॉर्ड को रोका जा सकेगा। हालांकि, इससे कार्य की गति प्रभावित हुई है, लेकिन भविष्य में भूमि विवादों से बचने के लिए यह आवश्यक है।

By PMS News
Published on
जमीन मालिकों के लिए बड़ा अपडेट! बदला E-KYC फॉर्मेट, अब ऐसे कराना होगा अनिवार्य सत्यापन
Change E-KYC format

हिमाचल प्रदेश में राजस्व विभाग ने भूमि स्वामित्व को डिजिटल और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से ई-केवाईसी (E-KYC) प्रक्रिया के फॉर्मेट में बड़ा बदलाव किया है। पहले यह प्रक्रिया खातों के आधार पर की जाती थी, जिसमें किसी एक भूमि मालिक की ई-केवाईसी होने पर पूरा खाता सत्यापित मान लिया जाता था। लेकिन अब हर भूमि मालिक को व्यक्तिगत रूप से ई-केवाईसी करवानी होगी। केंद्र सरकार ने इस बदलाव को आवश्यक मानते हुए निर्देश जारी किए हैं ताकि सभी भूमि मालिकों की पहचान सुनिश्चित हो सके।

बदलाव की आवश्यकता क्यों पड़ी?

राज्य में डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (DILRMP) के तहत भूमि रिकॉर्ड को आधार से लिंक करने की प्रक्रिया जारी है। पहले खातों के आधार पर की गई ई-केवाईसी में कई विसंगतियां सामने आईं। एक खाते में 30-40 तक भूमि मालिक होते थे, जिससे किसी एक मालिक की ई-केवाईसी होने पर शेष भूमि मालिकों का सत्यापन नहीं हो पाता था।

इस समस्या को हल करने के लिए केंद्र सरकार ने अब व्यक्तिगत भूमि मालिक के हिसाब से ई-केवाईसी अनिवार्य कर दी है। इससे प्रत्येक मालिक की अलग पहचान सुनिश्चित होगी और भूमि विवादों को कम किया जा सकेगा।

अब तक कितनी ई-केवाईसी हुई पूरी?

नई प्रक्रिया लागू होने के बाद हिमाचल प्रदेश में अब तक 27 प्रतिशत भूमि मालिकों की ई-केवाईसी पूरी हो पाई है। जबकि पुरानी प्रक्रिया में यह आंकड़ा 60 प्रतिशत से अधिक था। नए फॉर्मेट के कारण अब सभी भूमि मालिकों से व्यक्तिगत रूप से संपर्क करना आवश्यक हो गया है, जिससे कार्य की गति थोड़ी धीमी हो गई है।

जिलावार स्थिति

हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों में ई-केवाईसी का कार्य अलग-अलग गति से आगे बढ़ रहा है।

Also Readट्रैफिक नियम तोड़ा तो निलंबित होगा ड्राइविंग लाइसेंस! आधार से जुड़ेंगे DL और वाहन, जानें नए नियम

ट्रैफिक नियम तोड़ा तो निलंबित होगा ड्राइविंग लाइसेंस! आधार से जुड़ेंगे DL और वाहन, जानें नए नियम

  • सबसे अधिक ई-केवाईसी: जिला किन्नौर (44%)
  • सबसे कम ई-केवाईसी: जिला कांगड़ा (22%) व शिमला (22%)
  • अन्य जिलों में स्थिति:
    • बिलासपुर – 35%
    • चंबा – 28%
    • हमीरपुर – 40%
    • कुल्लू – 29%
    • लाहौल-स्पीति – 37%
    • मंडी – 31%
    • सिरमौर – 23%
    • सोलन – 27%
    • ऊना – 28%

कौन सी तहसीलें सबसे आगे और कौन पीछे?

राज्य में कुछ तहसीलें ई-केवाईसी प्रक्रिया में तेजी से आगे बढ़ रही हैं, जबकि कुछ अब भी पीछे हैं।

  • सबसे आगे: जिला कांगड़ा की लगड़ू व खुंडियां तहसीलें (49-49% कार्य पूर्ण)
  • सबसे पीछे: शिमला शहरी तहसील (11% कार्य पूर्ण)
  • 45% से अधिक ई-केवाईसी पूर्ण तहसीलें:
    • हमीरपुर – बड़सर, डटवाल (45%), भोटा (48%)
    • किन्नौर – मुरंग (48%), सांगला (45%)
  • 15% से कम ई-केवाईसी पूर्ण तहसीलें:
    • बैजनाथ – 12%
    • धर्मशाला – 15%
    • नूरपुर, पालमपुर – 13%
    • शाहपुर – 15%

ई-केवाईसी क्यों जरूरी है?

राज्य सरकार भूमि रिकॉर्ड को पूरी तरह डिजिटल और सटीक बनाने की दिशा में काम कर रही है। ई-केवाईसी के कई लाभ हैं:

  1. भूमि स्वामित्व में पारदर्शिता – हर मालिक की पहचान स्पष्ट होगी।
  2. भविष्य में भूमि विवादों से बचाव – सभी रिकॉर्ड प्रमाणित और अद्यतन रहेंगे।
  3. डिजिटल इंडिया मिशन को बढ़ावा – सरकारी योजनाओं से सीधे लाभ मिलेगा।
  4. फर्जी दस्तावेजों पर रोक – भूमि हेरफेर के मामलों में कमी आएगी।

अधिकारियों की अपील

राजस्व विभाग की निदेशक रितिका ने कहा कि भूमि ई-केवाईसी प्रक्रिया तेजी से जारी है और सभी भूमि मालिकों से अनुरोध किया कि वे जल्द से जल्द अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी कराएं। इससे न केवल सरकारी रिकॉर्ड अपडेट होंगे, बल्कि भविष्य में भूमि संबंधी समस्याओं से बचाव भी होगा।

Also Readकिसान क्रेडिट कार्ड से मिलेगा लाखों का लोन! लेकिन कितना देना होगा ब्याज और कैसे करें आवेदन

किसान क्रेडिट कार्ड से मिलेगा लाखों का लोन! लेकिन कितना देना होगा ब्याज और कैसे करें आवेदन

Leave a Comment

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें