
संसद के इस बजट सत्र में केंद्र सरकार अपने एक प्रमुख चुनावी एजेंडे, अवैध अप्रवास पर केंद्रित नए कानून अप्रवास और विदेशी विधेयक 2025 को पेश करने की तैयारी में है। सरकार ने गुरुवार को प्राथमिकता वाले विधेयकों की सूची जारी की, जिसमें यह विधेयक प्रमुख स्थान पर है। यह विधेयक वर्तमान में लागू अप्रवास से जुड़े पुराने कानूनों की जगह ले सकता है, जिससे भारत में विदेशी नागरिकों के प्रवेश और पंजीकरण को नियंत्रित किया जाएगा।
यह विधेयक विदेशी अधिनियम 1946, भारत में पासपोर्ट प्रवेश अधिनियम 1920 और विदेशियों के पंजीकरण अधिनियम 1939 को प्रतिस्थापित कर सकता है, जिससे अप्रवास प्रक्रिया को अधिक संगठित और प्रभावी बनाया जाएगा। हालांकि, अभी तक इस विधेयक को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी नहीं मिली है, इसलिए इसे संसद में पेश किए जाने को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।
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भाजपा के चुनावी एजेंडे में प्रमुख मुद्दा
भारतीय जनता पार्टी (BJP) लंबे समय से बांग्लादेश से हो रही अवैध घुसपैठ को अपना प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाकर रखी है, विशेष रूप से पश्चिम बंगाल और झारखंड में, जहां गैर-भाजपा दलों की सरकारें हैं। भाजपा का दावा है कि ये अवैध अप्रवासी न केवल संसाधनों पर बोझ डालते हैं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा कर सकते हैं।
हाल ही में झारखंड में भाजपा ने अवैध अप्रवासियों को हटाने का वादा किया था, लेकिन वह हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन से राज्य चुनाव हार गई। वहीं, दिल्ली में भाजपा ने मतदाता सूची से कथित अवैध रोहिंग्या प्रवासियों को हटाने के लिए चुनाव आयोग पर दबाव बनाया था, लेकिन इस मामले में कोई अनियमितता नहीं पाई गई।
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बजट सत्र में 16 विधेयकों की सूची जारी
सरकार ने बजट सत्र में कुल 16 विधेयकों को सूचीबद्ध किया है, जिनमें से कई महत्वपूर्ण कानूनों पर चर्चा की जाएगी। संसद में वित्त विधेयक 2025 के साथ वक्फ संशोधन विधेयक 2024 भी शामिल है। वक्फ संपत्तियों के विनियमन से संबंधित इस विधेयक को लेकर भी चर्चाएं हो रही हैं। गुरुवार को एक संसदीय समिति ने इसकी समीक्षा कर अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपी।
इसके अतिरिक्त, सरकार मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक भी पेश करने जा रही है, जिससे वक्फ संपत्तियों से जुड़े पुराने विवादों को निपटाने का प्रयास किया जाएगा।
बजट सत्र की रूपरेखा और संभावित प्रभाव
इस बार का बजट सत्र 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा वित्तीय वर्ष 2025 का बजट पेश करने के साथ शुरू होगा। संसद सत्र का पहला भाग 13 फरवरी तक चलेगा, जबकि दूसरा भाग 10 मार्च से 4 अप्रैल तक चलेगा। सरकार इन सभी प्रस्तावित विधेयकों को पारित कराने के लिए पूरी रणनीति तैयार कर रही है।