भारत में आज भी कई ऐसे लोग हैं, जिनके लिए रोजाना भोजन की व्यवस्था करना एक बड़ी चुनौती है। केंद्र सरकार इस समस्या के समाधान के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PM Garib Kalyan Yojana) के तहत मुफ्त राशन प्रदान कर रही है। इस योजना से करोड़ों जरूरतमंद लाभान्वित हो रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो आर्थिक रूप से सक्षम होने के बावजूद इस सुविधा का अनुचित लाभ उठा रहे थे।
लाखों कमाने वाले भी उठा रहे थे मुफ्त राशन
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में बड़ी संख्या में ऐसे लोग पाए गए, जो इनकम टैक्स (Income Tax) अदा करने के बावजूद सरकार की मुफ्त राशन योजना का लाभ ले रहे थे। जांच के दौरान पता चला कि 11,849 लोग ऐसे थे, जिन्होंने अपने आयकर विवरण में अच्छी-खासी आय दिखाई थी, लेकिन फिर भी वे गरीबों के लिए बनाई गई इस योजना का फायदा उठा रहे थे। इसके बाद आपूर्ति विभाग ने ऐसे सभी राशन कार्ड निरस्त कर दिए हैं।
मथुरा जिले में खाद्य सुरक्षा अधिनियम (Food Security Act) के तहत कुल 4,64,230 राशन कार्ड धारक पंजीकृत हैं। इनमें से 4,22,794 लोग पात्र गृहस्थी योजना (Patragrihasthi Yojana) और 41,436 लोग अंत्योदय योजना (Antyodaya Yojana) के तहत लाभान्वित हो रहे थे। अंत्योदय योजना के तहत प्रत्येक कार्डधारक को 35 किलो खाद्यान्न, जबकि पात्र गृहस्थी योजना के तहत प्रति व्यक्ति 5 किलो खाद्यान्न दिया जाता है।
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11 हजार से अधिक राशन कार्ड हुए निरस्त
सरकार द्वारा इस योजना को जरूरतमंदों तक सीमित रखने के लिए सख्त कदम उठाए गए हैं। आयकर विभाग (Income Tax Department) ने उन लोगों की सूची आपूर्ति विभाग को सौंपी, जो आयकर देने के बावजूद इस योजना का लाभ उठा रहे थे। जब इन नामों को राशन कार्ड धारकों की सूची से मिलाया गया, तो 11,849 लोग इस योजना के अयोग्य पाए गए। इसके बाद इन सभी कार्डधारकों के राशन कार्ड निरस्त कर दिए गए।
इसके अलावा, जांच के दौरान यह भी पाया गया कि कई मृत लोगों के नाम पर भी राशन कार्ड चलाए जा रहे थे। पेंशन पाने वाली महिलाओं के आंकड़ों से मिलान करने के बाद विभाग ने 3,956 ऐसे राशन कार्ड निरस्त किए, जिनके धारक वर्षों पहले ही दिवंगत हो चुके थे, लेकिन उनके कार्ड का उपयोग करके राशन लिया जा रहा था।
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गलत लाभ उठाने वालों पर सरकार की सख्ती
सरकार की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का लाभ केवल जरूरतमंदों तक ही सीमित रखने के लिए गंभीर कदम उठाए जा रहे हैं। इस प्रकार की अनियमितताओं को रोकने के लिए सरकार समय-समय पर लाभार्थियों की जांच करती रहती है, ताकि योजना का सही उपयोग हो सके।