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किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी! खाद-बीज पर सब्सिडी का पैसा सीधे खाते में, जानें सरकार का नया प्लान

सरकार खेती को सरल और प्रभावी बनाने के लिए बड़े बदलावों की योजना बना रही है। DBT के जरिए उर्वरक सब्सिडी, परिवहन लागत में राहत, और ड्रोन तकनीक के उपयोग जैसी पहलें किसानों की आय बढ़ाने में सहायक साबित होंगी। यह नीति किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम होगी।

By PMS News
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किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी! खाद-बीज पर सब्सिडी का पैसा सीधे खाते में, जानें सरकार का नया प्लान
किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी!

भारत सरकार खेती को सरल और अधिक प्रभावी बनाने के लिए बड़े स्तर पर बदलाव करने की योजना बना रही है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संकेत दिया है कि सरकार उर्वरक, बीज और कृषि उपकरणों पर दी जाने वाली सब्सिडी को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से किसानों तक पहुंचाने की योजना पर विचार कर रही है। इससे किसानों को मिलने वाली मदद अधिक पारदर्शी और प्रभावी हो सकेगी।

कृषि क्षेत्र के लिए सरकार की नई रणनीति

सरकार हर साल 2,00,000 करोड़ रुपये तक की उर्वरक सब्सिडी देती है। वर्तमान प्रणाली के तहत, यह सब्सिडी उर्वरक कंपनियों को दी जाती है, जिससे किसानों को कम कीमत पर उर्वरक उपलब्ध हो सके। उदाहरण के लिए, यूरिया की एक बोरी किसानों को 265 रुपये में मिलती है, जबकि इसकी असली लागत 2,400 रुपये होती है। यदि सब्सिडी सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर की जाए, तो इससे किसानों को अधिक स्वतंत्रता मिलेगी और किसी भी तरह की बिचौलिया समस्या से बचा जा सकेगा।

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किसानों के लिए नई सब्सिडी प्रणाली की आवश्यकता

मौजूदा व्यवस्था में उर्वरक सब्सिडी का दुरुपयोग होने की संभावना बनी रहती है, क्योंकि इसका उपयोग कभी-कभी अन्य कार्यों में भी किया जाता है। यदि विश्वसनीय प्रणाली लागू की जाए और किसानों को सीधा भुगतान किया जाए, तो इससे सब्सिडी का अधिकतम लाभ सही हाथों तक पहुंचेगा।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की तरह ही इस नई योजना को प्रभावी बनाया जा सकता है। हालांकि, इसके लिए बैंकिंग ढांचे और डिजिटल लेन-देन को और मजबूत करने की आवश्यकता होगी।

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कृषि उपज परिवहन लागत पर राहत देने की योजना

सरकार कृषि उपज को मंडियों तक पहुंचाने में होने वाले परिवहन खर्च पर भी राहत देने पर विचार कर रही है। इससे किसान अपने उत्पादों को देशभर में कहीं भी बेच सकेंगे और उन्हें अधिक लाभ मिलेगा। अक्सर देखा जाता है कि गांवों में कृषि उत्पादों की कीमत कम होती है, लेकिन जब वही उत्पाद शहरों तक पहुंचता है, तो उसकी कीमत कई गुना बढ़ जाती है। यदि सरकार राज्य और केंद्र स्तर पर परिवहन लागत का कुछ हिस्सा वहन करे, तो किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ मिलेगा।

किसानों के लिए अन्य सरकारी योजनाएं

सरकार कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं पर भी विचार कर रही है।

  • प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत किसानों को पक्के मकान देने की प्रक्रिया तेज की जा रही है।
  • ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देकर किसानों को कम लागत में खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। हाल ही में कृषि मंत्री ने ड्रोन दीदियों से मुलाकात कर इस विषय पर चर्चा की।
  • सोयाबीन तेल के आयात पर 20% शुल्क लगाया गया है, जिससे देश के किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सके।
  • बासमती चावल के निर्यात पर लगी रोक हटाने से चावल उत्पादकों को राहत मिलेगी।

कृषि क्षेत्र में हो रहे बदलावों का प्रभाव

सरकार द्वारा लिए जा रहे ये सभी निर्णय किसानों को अधिक आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकते हैं। कृषि क्षेत्र को डिजिटल बनाने, लागत कम करने और सब्सिडी प्रणाली को पारदर्शी बनाने से किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है।

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