
मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने धान उत्पादक किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना की घोषणा की है, जिसके तहत अन्नदाता किसानों को प्रति हेक्टेयर 2,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस योजना का लाभ अधिकतम 5 हेक्टेयर तक की कृषि भूमि रखने वाले किसानों को मिलेगा, जिससे वे अधिकतम 10,000 रुपये तक की प्रोत्साहन राशि प्राप्त कर सकेंगे। यह योजना किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने और उन्हें धान उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लाई गई है।
सीएम की वापसी के बाद मिलेगा अंतिम रूप
राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव वर्तमान में जापान दौरे पर हैं। बताया जा रहा है कि उनके लौटने के बाद इस योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा और जल्द ही इसके लिए आधिकारिक अधिसूचना जारी होगी। योजना के तहत किसानों को यह राशि सीधे उनके आधार से लिंक बैंक खातों में अंतरित की जाएगी, जिससे उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
कौन होंगे पात्र किसान?
इस योजना का लाभ केवल धान उत्पादक किसानों को दिया जाएगा। इसके अंतर्गत अधिकतम 5 हेक्टेयर भूमि पर खेती करने वाले किसानों को ही प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इस योजना का उद्देश्य छोटे और मध्यम किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जिससे वे अपनी उत्पादन लागत को कम कर सकें और अधिक मुनाफा कमा सकें।
2000 रुपये प्रति हेक्टेयर की राशि
कृषि विभाग के अनुसार, इस योजना के तहत प्रत्येक किसान को प्रति हेक्टेयर 2,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में स्थानांतरित की जाएगी, जिससे किसी भी प्रकार की बिचौलिया व्यवस्था समाप्त हो सके। राज्य सरकार इस योजना को जल्द से जल्द लागू करने के लिए प्रयासरत है।
कब आएगी राशि?
राज्य सरकार के अनुसार, किसानों को यह प्रोत्साहन राशि योजना के आधिकारिक रूप से लागू होने के एक से दो महीने के भीतर उनके बैंक खातों में जमा कर दी जाएगी। यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी होगी और लाभार्थियों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
बीजेपी का चुनावी वादा
यह योजना भारतीय जनता पार्टी द्वारा विधानसभा चुनावों के दौरान किए गए वादों का एक हिस्सा है। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा ने किसानों को वचन दिया था कि उनकी सरकार बनने पर गेहूं 2,700 रुपये और धान 3,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा। हालांकि, जब गेहूं की खरीदी प्रक्रिया शुरू की गई थी, तब किसानों को प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा नहीं की गई थी। इस कारण कांग्रेस ने सरकार पर वादा पूरा न करने का आरोप लगाया। बाद में, मोहन सरकार ने प्रति क्विंटल 125 रुपये बोनस देने का निर्णय लिया, जिससे किसानों को कुछ राहत मिली।
कृषि विभाग ने तैयार किया प्रारूप
दिसंबर 2024 में सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया कि धान उत्पादकों को बोनस की जगह प्रति हेक्टेयर 2,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री मोहन यादव की घोषणा के बाद कृषि विभाग ने इस योजना का प्रारूप तैयार कर लिया है, जिसे जल्द ही लागू किया जाएगा।
योजना की अधिकतम सीमा
इस योजना को अधिकतम किसानों तक पहुंचाने के लिए सरकार ने लघु, सीमांत और बड़ी जोत वाले सभी किसानों को इसमें शामिल करने का निर्णय लिया है। हालांकि, योजना का लाभ लेने की अधिकतम सीमा 5 हेक्टेयर निर्धारित की गई है, जिससे अधिक से अधिक किसानों को इस योजना का लाभ मिल सके।