भारत में मोटर गाड़ी अधिनियम में जल्द ही बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। अगर आपके वाहन का थर्ड-पार्टी बीमा नहीं है, तो इसे जल्द से जल्द करवाएं। सरकार नियमों को सख्त करने की तैयारी में है, जिसके तहत बिना बीमा वाले वाहनों को पेट्रोल, डीजल और FASTag जैसी सुविधाएं देने पर रोक लगाई जा सकती है। इतना ही नहीं, ऐसे मोटर गाड़ी के मालिकों के ड्राइविंग लाइसेंस का नवीनीकरण भी संभव नहीं होगा। सरकार के इन कड़े कदमों का उद्देश्य सड़क सुरक्षा और बीमा अनुपालन को बढ़ावा देना है। ऐसे में अगर आपने अब तक अपनी गाड़ी का थर्ड-पार्टी बीमा नहीं कराया है, तो इसे जल्द करवाएं। नए नियम लागू होने पर बिना बीमा के वाहन चलाने वालों को कड़े परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। इस बदलाव से न केवल वाहन मालिकों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं से जुड़े आर्थिक जोखिम भी कम होंगे।
बीमा अनिवार्यता पर जोर
मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत हर वाहन के लिए थर्ड-पार्टी बीमा अनिवार्य है। यह बीमा सड़क दुर्घटनाओं में तीसरे पक्ष को होने वाले नुकसान की भरपाई करता है। बावजूद इसके, भारतीय सड़कों पर लगभग आधे वाहन बिना बीमा के चल रहे हैं। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से आग्रह किया है कि थर्ड-पार्टी बीमा अनुपालन बढ़ाने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। मंत्रालय ने इस दिशा में कई सुझाव दिए हैं, जिन पर जल्द ही अमल हो सकता है।
अनुपालन सुनिश्चित करने के उपाय
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय जल्द ही ऐसे नियम लागू कर सकता है, जिनके तहत वाहन पंजीकरण और अन्य सेवाओं को बीमा कवर से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को भी इस दिशा में सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए जाएंगे। हाल ही में, संसदीय स्थायी समिति ने भी सरकार को बीमा कवरेज बढ़ाने के सुझाव दिए हैं। उन्होंने मोटर गाड़ी पंजीकरण और बीमा कवरेज की निगरानी के लिए डेटा एकीकरण और ई-चालान को बढ़ावा देने की सिफारिश की है।
बीमा कवरेज के आंकड़े
भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के अनुसार, 2024 में अनुमानित 35-40 करोड़ वाहनों में से केवल 50% वाहनों के पास थर्ड-पार्टी बीमा है। थर्ड-पार्टी बीमा के बिना वाहन चलाना अपराध है।
- पहली बार पकड़े जाने पर: ₹2,000 का जुर्माना या तीन महीने की जेल, या दोनों।
- दूसरी बार पकड़े जाने पर: जुर्माना ₹4,000 तक बढ़ सकता है।
डिजिटल माध्यमों से बढ़ेगा अनुपालन
डेलॉइट के ऑटोमोटिव विशेषज्ञ रजत महाजन का कहना है कि डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और FASTag का उपयोग बीमा अनुपालन बढ़ाने में कारगर साबित हो सकता है। 2024 के अंत तक, FASTag लेन-देन ₹6,642 करोड़ तक पहुंच गया। अगर बीमा सत्यापन को FASTag और अन्य डिजिटल सेवाओं से जोड़ा जाता है, तो यह प्रक्रिया अधिक प्रभावी और सरल होगी। महाजन के अनुसार, इस कदम से न केवल बीमा कवरेज बढ़ेगा, बल्कि डेटा संग्रहण और विश्लेषण भी बेहतर होगा। इससे कम बीमा वाले क्षेत्रों की पहचान कर, वहां सही रणनीतियां बनाई जा सकेंगी। इसके साथ ही, बढ़ा हुआ बीमा कवरेज प्रीमियम को प्रतिस्पर्धी बनाएगा और मोटर वाहन मालिकों को बेहतर लाभ मिलेगा।
एकीकृत प्रणाली का लाभ
सोलोमन एंड कंपनी के पार्टनर हारून अस्रार ने सुझाव दिया कि थर्ड-पार्टी बीमा, FASTag और प्रदूषण प्रमाणपत्र को आधार से जोड़ने पर विचार किया जाना चाहिए। इससे वाहन मालिक एक ही प्लेटफॉर्म पर सभी सेवाओं का प्रबंधन कर सकेंगे। यह एकीकृत प्रणाली न केवल प्रक्रिया को आसान बनाएगी, बल्कि अनुपालन सुनिश्चित करने में भी मददगार होगी।