आजकल यूपीआई (UPI – Unified Payments Interface) के माध्यम से भुगतान करना बेहद सामान्य हो गया है। चाहे वह सब्जी का ठेला हो या फिर बड़े शॉपिंग मॉल, हर जगह डिजिटल भुगतान का यह तरीका लोकप्रिय है। लेकिन यदि आप भी यूपीआई (UPI) के जरिये लेनदेन करते हैं, तो आपको यह जानना जरूरी है कि भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI – National Payments Corporation of India) एक फरवरी से कुछ विशेष प्रकार के ट्रांजेक्शन्स (Transactions) को ब्लॉक करने जा रहा है।
एनपीसीआई ने हाल ही में एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें यह बताया गया है कि एक फरवरी से वे लेनदेन स्वीकार नहीं किए जाएंगे, जिनकी यूपीआई आईडी (UPI ID) विशेष कैरेक्टर्स के साथ बनी होगी। अब उपयोगकर्ताओं को केवल अल्फ़ान्यूमेरिक वर्णों का ही उपयोग करना होगा। जो लोग इस तकनीकी मानक का पालन नहीं करेंगे, उनकी यूपीआई आईडी (UPI ID) को ब्लॉक कर दिया जाएगा।
यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने की रणनीति
एनपीसीआई ने यह फैसला ऐसे समय पर लिया है, जब खुदरा पेमेंट ऑपरेटर्स (Retail Payment Operators) यूपीआई के उपयोग को और अधिक बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहे हैं। खासकर, 2016 में हुई नोटबंदी के बाद से डिजिटल भुगतान को काफी प्रोत्साहन मिला है और लोग तेजी से यूपीआई (UPI) की ओर रुख कर रहे हैं।
Also Read: PNB ग्राहकों के लिए जरूरी अलर्ट! लापरवाही करने पर बैंक नहीं उठाएगा जिम्मेदारी Bank Alert
तकनीकी नियमों का पालन अनिवार्य
इससे पहले भी एनपीसीआई (NPCI) ने यूपीआई आईडी बनाने के लिए स्पेशल कैरेक्टर्स (Special Characters) के बजाय अल्फ़ान्यूमेरिक वर्णों के उपयोग की सलाह दी थी। हालांकि, बहुत से उपयोगकर्ताओं ने इस गाइडलाइन का पालन किया, लेकिन अब भी कुछ ऐसे लोग हैं जो इसका पालन नहीं कर रहे हैं। अब एनपीसीआई इसे पूरी तरह से लागू करने के लिए सख्त रुख अपनाने जा रहा है।
किन लेनदेन को किया जाएगा ब्लॉक?
एनपीसीआई के अनुसार, वे सभी लेनदेन रिजेक्ट (Reject) कर दिए जाएंगे, जिनमें यूपीआई आईडी (UPI ID) में विशेष वर्ण (Special Characters) शामिल होंगे। बैंकिंग संस्थानों (Banking Institutions) को भी इस नियम का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है।
यूपीआई लेनदेन में नए रिकॉर्ड
यूपीआई (UPI) के माध्यम से लेनदेन करना बेहद आसान है, जिससे यह लगातार लोकप्रिय होता जा रहा है। दिसंबर 2024 तक यूपीआई लेनदेन का आंकड़ा 16.73 बिलियन तक पहुंच चुका है, जो अपने आप में एक नया रिकॉर्ड है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि डिजिटल भुगतान की ओर भारतीय उपभोक्ताओं का रुझान तेजी से बढ़ रहा है।