
हरियाणा सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी (PMAY-U) के अंतर्गत चलाई जा रही अफॉर्डेबल हाउसिंग पार्टनरशिप (AHP) योजना को रद्द करने का निर्णय लिया है। यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) को सस्ती दरों पर फ्लैट मुहैया कराने के लिए शुरू की गई थी, लेकिन प्रदेश में बढ़ती जमीन की कीमतों और मल्टीस्टोरी बिल्डिंग का अधिकांश शहरों में व्यवहारिक न होना इसके रद्द होने के प्रमुख कारण बने।
योजना को रद्द करने के पीछे मुख्य कारण
प्रदेश सरकार के हाउसिंग फॉर ऑल विभाग ने इस योजना को रद्द करने की सूचना संबंधित जिला नगर आयुक्तों और नगर निगम आयुक्तों को पत्र क्रमांक HFA/PMAY-U/AHP/2024-25/1845-1846 दिनांक 15-01-2025 के माध्यम से दे दी है।
सरकार के अनुसार, बढ़ती भूमि कीमतें और मल्टीस्टोरी बिल्डिंग का निर्माण छोटे शहरों में व्यावहारिक न होना योजना के बंद होने के प्रमुख कारण हैं। केंद्र सरकार द्वारा इस योजना के तहत हरियाणा को दिए गए लक्ष्य को भी वापस कर दिया गया है। योजना के तहत प्राइवेट बिल्डर्स को फ्लैट निर्माण के लिए प्रोत्साहन दिया जाना था, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों में यह संभव नहीं हो सका।
2017 में हुआ था सर्वे, 1.8 लाख से अधिक लोग थे पात्र
इस योजना के तहत पात्र लाभार्थियों की पहचान के लिए वर्ष 2017 में पूरे हरियाणा में सर्वे किया गया था। इस सर्वे के अनुसार, 1,80,879 लोग इस योजना के तहत पात्र पाए गए थे। सरकार की योजना के अनुसार, इन लाभार्थियों को प्राइवेट बिल्डर्स के माध्यम से मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में 5 से 7 लाख रुपये की कीमत में फ्लैट उपलब्ध कराए जाने थे।
योजना के तहत, प्राइवेट बिल्डर्स को EWS लोगों को सस्ती दरों पर फ्लैट देने के बदले सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की जानी थी। केंद्र सरकार द्वारा प्रति फ्लैट 1.5 लाख रुपये और हरियाणा सरकार द्वारा 1 लाख रुपये की सहायता राशि दिए जाने का प्रावधान था। लेकिन योजना के कार्यान्वयन में आने वाली समस्याओं को देखते हुए इसे बंद कर दिया गया।
क्या थी अफॉर्डेबल हाउसिंग पार्टनरशिप (AHP) योजना?
AHP योजना एक केंद्र प्रायोजित योजना (CSS) थी, जिसका उद्देश्य राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और शहरों द्वारा प्राइवेट सेक्टर और अन्य भागीदारों के सहयोग से EWS श्रेणी के लोगों के लिए किफायती घर उपलब्ध कराना था। इस योजना के तहत प्रत्येक EWS घर के लिए 1.5 लाख रुपये की केंद्रीय सहायता और 1 लाख रुपये की राज्य सहायता राशि दी जानी थी।
योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार:
- हर परियोजना में न्यूनतम 250 फ्लैट होने चाहिए थे।
- कम से कम 35% फ्लैट EWS श्रेणी के होने अनिवार्य थे।
- विकलांग व्यक्तियों, वरिष्ठ नागरिकों, अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), अल्पसंख्यकों, एकल महिलाओं, ट्रांसजेंडर और अन्य कमजोर वर्गों को प्राथमिकता दी जानी थी।
योजना रद्द होने के प्रभाव
AHP योजना को बंद करने का सीधा असर उन आर्थिक रूप से कमजोर लोगों पर पड़ेगा जो सस्ती दरों पर घर खरीदने की उम्मीद लगाए बैठे थे। यह योजना उनके लिए एक सुनहरा अवसर थी, जिससे वे अपने स्वयं के घर का सपना पूरा कर सकते थे। अब इस योजना के बंद होने से उन्हें वैकल्पिक उपायों की तलाश करनी होगी।
सरकार की ओर से अभी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि AHP योजना के स्थान पर कोई नई योजना लाई जाएगी या नहीं। लेकिन इस फैसले ने हजारों परिवारों की उम्मीदों को धक्का पहुंचाया है।