
जनवरी समाप्त हो चुकी है और अब फरवरी का महीना शुरू होने जा रहा है। हर महीने की शुरुआत में कुछ नए नियम लागू होते हैं, जो आम जनता और सरकारी कर्मचारियों पर प्रभाव डाल सकते हैं। इस बार 1 फरवरी से कई महत्वपूर्ण नियमों में बदलाव हो रहे हैं, जिनका सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ेगा। इनमें सरकारी कर्मचारियों की छुट्टी प्रक्रिया, राशन कार्ड धारकों के लिए नियम और वेतन से संबंधित प्रक्रियाएं शामिल हैं। आइए जानते हैं इन बदलावों के बारे में विस्तार से।
सरकारी कर्मचारियों के लिए नया अवकाश नियम
योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा बदलाव किया है। अब 1 फरवरी 2025 से सभी अवकाश और सेवा संबंधी प्रक्रियाओं को ऑनलाइन माध्यम से पूरा करना अनिवार्य कर दिया गया है। इस नियम का प्रभाव राज्य के 8.5 लाख सरकारी कर्मचारियों पर पड़ेगा।
मानव संपदा पोर्टल पर छुट्टी का आवेदन अनिवार्य
उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मियों के लिए पहले भी निर्देश जारी किए थे, जिनके तहत मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से ही छुट्टी के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया को अनिवार्य किया गया था। इसमें बाल्य देखभाल अवकाश (Child Care Leave – CCL) भी शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त, ट्रांसफर होने की स्थिति में नई जगह जॉइनिंग और पुरानी जगह से रिलीविंग की प्रक्रिया भी अब पूरी तरह ऑनलाइन होगी। इसके साथ ही, सरकारी कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका (Service Book) को भी डिजिटल करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
राशन कार्ड धारकों के लिए नियमों में बदलाव
उत्तर प्रदेश में राशन कार्ड लाभार्थियों के लिए भी नियमों में परिवर्तन किया गया है। राज्य सरकार ने राशन कार्ड धारकों को 31 जनवरी 2025 तक केवाईसी (KYC) प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया था। जो लाभार्थी इस प्रक्रिया को समय पर पूरा नहीं करेंगे, उन्हें राशन का लाभ नहीं मिलेगा। हालांकि, राज्य सरकार इस प्रक्रिया की अवधि बढ़ाने पर विचार कर रही है, लेकिन अभी तक इस पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
सरकारी कर्मचारियों की वेतन प्रक्रिया में बदलाव
उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के वेतन भुगतान से संबंधित नए नियम लागू किए हैं। अब राज्य कर्मचारियों को अपनी संपत्तियों का विवरण मानव संपदा पोर्टल पर अनिवार्य रूप से दर्ज करना होगा।
संपत्ति विवरण न देने पर वेतन रुक सकता है
जो सरकारी कर्मचारी अपनी संपत्तियों का विवरण 31 जनवरी 2025 तक पोर्टल पर अपडेट नहीं करेंगे, उनकी फरवरी की वेतन भुगतान प्रक्रिया रोकी जा सकती है। इस संबंध में कार्मिक विभाग जल्द ही आदेश जारी करने वाला है। आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 8.32 लाख सरकारी कर्मचारी कार्यरत हैं, लेकिन अब तक केवल 4.33 लाख कर्मचारियों ने ही अपनी संपत्तियों का विवरण अपडेट किया है, जो कुल कर्मचारियों का 52% है।