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सिर्फ ₹25 में एडमिशन और ₹200 ट्यूशन फीस! कैसे होगा इस स्कूल में एडमिशन जानें School Admission

केंद्रीय विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय और सैनिक स्कूल: जानिए कैसे ये संस्थान देते हैं बच्चों को उच्चस्तरीय शिक्षा, अनुशासन, और सर्वांगीण विकास का अनूठा अवसर, वो भी बेहद किफायती फीस पर। आपके बच्चे के उज्ज्वल भविष्य के लिए यहां मिलेगा हर वह अवसर जिसकी आप तलाश कर रहे हैं

By PMS News
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सिर्फ ₹25 में एडमिशन और ₹200 ट्यूशन फीस! कैसे होगा इस स्कूल में एडमिशन जानें School Admission
सिर्फ ₹25 में एडमिशन और ₹200 ट्यूशन फीस! कैसे होगा इस स्कूल में एडमिशन जानें School Admission

भारत में शिक्षा के क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय (Kendriya Vidyalaya), जवाहर नवोदय विद्यालय (Jawahar Navodaya Vidyalaya) और सैनिक स्कूल (Sainik School) अपने उच्च शिक्षा स्तर, अनुशासन और सर्वांगीण विकास के लिए जाने जाते हैं। ये स्कूल ऐसे माता-पिता की पहली पसंद बनते जा रहे हैं जो अपने बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और किफायती शिक्षा देना चाहते हैं।

केंद्रीय विद्यालय: गुणवत्तापूर्ण और किफायती शिक्षा का प्रतीक

भारत में कुल 1253 केंद्रीय विद्यालय संचालित हो रहे हैं। ये विद्यालय न केवल शिक्षा के उच्च स्तर के लिए बल्कि विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए भी प्रसिद्ध हैं। हर साल लाखों अभिभावक अपने बच्चों को कक्षा 1 में प्रवेश दिलाने के लिए आवेदन करते हैं।

केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया

केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और प्राथमिकता आधारित होती है।

  • कक्षा 1 में प्रवेश: आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होती है। इसमें प्राथमिकता केंद्र सरकार के कर्मचारियों, एक्स-सर्विसमैन, और राज्य सरकार के कर्मचारियों के बच्चों को दी जाती है।
  • कक्षा 2 से 12वीं तक: केवल उन कक्षाओं में प्रवेश दिया जाता है, जहां सीटें खाली होती हैं। इसके लिए अभिभावकों को ऑफलाइन आवेदन करना पड़ता है।
  • स्थानांतरण प्राथमिकता: सरकारी कर्मचारियों के स्थानांतरण की संख्या को भी प्रवेश में प्राथमिकता के रूप में गिना जाता है।

सरकारी कर्मचारियों के बच्चों को प्राथमिकता

केंद्रीय विद्यालयों में सरकारी कर्मचारियों के बच्चों को प्रवेश में प्राथमिकता दी जाती है।

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  1. केंद्र सरकार के कर्मचारी और एक्स-सर्विसमैन के बच्चों को पहला मौका मिलता है।
  2. इसके बाद पीएसयू (PSU) और अन्य स्वायत्त संस्थाओं के कर्मचारियों के बच्चों को प्रवेश दिया जाता है।
  3. राज्य सरकार के कर्मचारियों के बच्चों को तीसरी प्राथमिकता मिलती है।
  4. अन्य श्रेणियों के बच्चों और विदेशियों को भी आवश्यकता के आधार पर प्रवेश दिया जाता है।

केंद्रीय विद्यालय की फीस संरचना

केंद्रीय विद्यालय की फीस संरचना इसे हर वर्ग के लिए सुलभ बनाती है।

  • एडमिशन फीस: मात्र 25 रुपये।
  • री-एडमिशन फीस: 100 रुपये।
  • ट्यूशन फीस (केवल लड़कों के लिए):
    • कक्षा 9 और 10: 200 रुपये प्रति माह।
    • कक्षा 11 और 12 (कॉमर्स और आर्ट्स): 300 रुपये प्रति माह।
    • कक्षा 11 और 12 (साइंस): 400 रुपये प्रति माह।
  • विद्यालय विकास निधि: 1 से 12वीं तक 500 रुपये प्रति माह।

यह किफायती फीस केंद्रीय विद्यालय को आम जनता के लिए आकर्षक विकल्प बनाती है।

सर्वांगीण विकास के लिए अतिरिक्त गतिविधियां

  • केंद्रीय विद्यालय केवल किताबी ज्ञान पर ध्यान केंद्रित नहीं करता। छात्रों को खेल-कूद, सांस्कृतिक गतिविधियां और सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

जवाहर नवोदय विद्यालय: ग्रामीण छात्रों के लिए उत्कृष्ट अवसर

जवाहर नवोदय विद्यालय (JNV) ग्रामीण क्षेत्रों के मेधावी छात्रों के लिए एक अद्वितीय मॉडल है। इन विद्यालयों में प्रवेश प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से होता है। छात्रों को निःशुल्क शिक्षा, भोजन और आवास की सुविधा दी जाती है।

विशेषताएं:

  • यह मॉडल छात्रों को उनके हुनर को निखारने और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।
  • शिक्षा के साथ-साथ खेल, विज्ञान और अन्य गतिविधियों में भी छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित की जाती है।

सैनिक स्कूल: अनुशासन और नेतृत्व कौशल का केंद्र

  • सैनिक स्कूल (Sainik School) उन छात्रों के लिए खास है, जो रक्षा सेवाओं में अपना करियर बनाना चाहते हैं।

सैनिक स्कूल की प्रवेश प्रक्रिया

  • इन स्कूलों में प्रवेश प्रतियोगी परीक्षा, साक्षात्कार और मेडिकल परीक्षण के आधार पर होता है।

विशेष फोकस:

  • छात्रों में अनुशासन और नेतृत्व कौशल को विकसित करना।
  • राष्ट्रीय स्तर पर खेल और अन्य गतिविधियों में भागीदारी।

अन्य सरकारी स्कूलों के लिए प्रेरणा

  • केंद्रीय विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय और सैनिक स्कूल जैसे संस्थान भारत के अन्य सरकारी स्कूलों के लिए प्रेरणा हैं। इन स्कूलों की शिक्षा प्रणाली, किफायती फीस और सर्वांगीण विकास पर ध्यान केंद्रित करना उन्हें एक अलग स्थान प्रदान करता है।

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