महाकुंभ की भीड़ के चलते वाराणसी के स्कूल बंद
प्रयागराज के महाकुंभ मेले से वाराणसी आने वाले श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट ने घोषणा की है कि जिले के सभी स्कूल 27 जनवरी से 5 फरवरी 2025 तक बंद रहेंगे। इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और भीड़ के चलते यातायात और प्रशासनिक समस्याओं को कम करना है।
ऑफलाइन कक्षाएं बंद, ऑनलाइन कक्षाएं जारी
हालांकि, स्कूलों का शैक्षणिक सत्र समाप्ति की ओर है और पाठ्यक्रम पूरा करना प्राथमिकता है। इसलिए सभी स्कूल ऑफलाइन बंद रहेंगे, लेकिन ऑनलाइन कक्षाएं पूर्व निर्धारित समय पर चलती रहेंगी। यह नियम जिले के सभी सीबीएसई, आईसीएसई और राज्य बोर्ड के स्कूलों पर लागू होगा।
प्रैक्टिकल परीक्षाएं बिना किसी व्यवधान के आयोजित होंगी
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यदि इस दौरान किसी बोर्ड की प्रैक्टिकल परीक्षाएं निर्धारित हैं, तो उन्हें योजना के अनुसार आयोजित किया जाएगा। शिक्षकों और अन्य स्टाफ को इन दिनों स्कूल आने के निर्देश दिए गए हैं ताकि प्रशासनिक कार्यों में कोई बाधा न आए।
मौनी अमावस्या पर भारी भीड़ की संभावना
महाकुंभ के दौरान 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पड़ने के कारण तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी इजाफा होने की संभावना है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस विशेष अवसर पर प्रतिदिन 5 से 7 लाख श्रद्धालु वाराणसी का दौरा करेंगे। ऐसे में शहर में यातायात की सुचारू व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया है।
शिक्षा विभाग का निर्देश
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अरविंद पाठक ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि शहरी क्षेत्र में तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए कक्षा 1 से 12 तक के सभी स्कूलों को ऑनलाइन पढ़ाई पर स्विच करने के निर्देश दिए गए हैं। छात्रों की पढ़ाई में व्यवधान न हो, इसलिए यह सुनिश्चित किया गया है कि सभी ऑनलाइन कक्षाएं सुचारू रूप से संचालित हों।
भीड़ प्रबंधन और सुचारू संचालन का उद्देश्य
यह निर्णय विशेष रूप से वाराणसी के सुचारू संचालन, छात्रों की सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि किसी भी परीक्षा या शैक्षणिक गतिविधि पर इसका नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
संक्षेप में:
- सभी स्कूल 27 जनवरी से 5 फरवरी तक ऑफलाइन बंद।
- ऑनलाइन कक्षाएं सामान्य रूप से जारी रहेंगी।
- बोर्ड प्रैक्टिकल परीक्षाएं योजना के अनुसार आयोजित होंगी।
- शिक्षकों और स्टाफ को स्कूल आने के निर्देश।
- प्रशासन ने छात्रों और शहर की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है।
इस फैसले का मुख्य उद्देश्य तीर्थयात्रियों की भीड़ और संभावित समस्याओं को देखते हुए समुचित प्रबंधन सुनिश्चित करना है।