प्रयागराज: महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) में मंगलवार की रात संगम नगरी (Sangam Nagari) में बड़ा हादसा हुआ। भीड़ के अत्यधिक दबाव के चलते भगदड़ (Stampede) मच गई, जिसमें अब तक 14 लोगों की मौत की सूचना सामने आ रही है। हालांकि, प्रशासन की ओर से अभी इस आंकड़े की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
सूत्रों के मुताबिक, मरने वालों की संख्या बढ़ भी सकती है, क्योंकि कई घायल लोगों की हालत नाजुक बताई जा रही है। घटना के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG Commando) ने स्थिति को संभालने के लिए मोर्चा संभाल लिया है। संगम नोज क्षेत्र को आम लोगों के लिए पूरी तरह से सील कर दिया गया है।
NSG कमांडो ने संभाली स्थिति, संगम क्षेत्र सील
- भगदड़ के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने तत्काल कदम उठाए। NSG कमांडो की तैनाती के साथ ही संगम नोज क्षेत्र को पूरी तरह सील कर दिया गया है ताकि दोबारा कोई अप्रिय घटना न हो।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) से चर्चा के बाद अखाड़ों ने अमृत स्नान (Amrit Snan) करने का निर्णय लिया। शुरुआत में, भगदड़ की भयावहता को देखते हुए सभी 13 अखाड़ों ने अमृत स्नान को रद्द करने का फैसला किया था, लेकिन बाद में इसे बहाल कर दिया गया।
भगदड़ के बाद अस्पतालों में बढ़ा घायलों का दबाव
- इस दर्दनाक हादसे के बाद मेला प्रशासन और चिकित्सा सेवाओं पर भारी दबाव पड़ा। प्रयागराज के अस्पतालों में घायलों की भीड़ उमड़ पड़ी है। सरकारी और निजी अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाओं को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
- घायलों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस का तांता लगा हुआ है। राहत और बचाव कार्यों में जुटे डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ लगातार घायलों का इलाज कर रहे हैं।
रात 2 बजे संगम तट पर मचा हड़कंप
- घटना रात करीब 2 बजे संगम तट के पास घटी, जब श्रद्धालु स्नान के लिए उमड़ पड़े। प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश की जा रही थी, लेकिन भारी भीड़ के दबाव के चलते हालात बेकाबू हो गए।
- स्थानीय प्रशासन और पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में लेने की कोशिश की, लेकिन जब तक राहत कार्य शुरू होता, तब तक भगदड़ में कई लोग दब चुके थे।
प्रशासन ने शुरू किया राहत और बचाव कार्य
- हादसे के तुरंत बाद प्रयागराज प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में जुट गया। पुलिस, NDRF, SDRF और मेडिकल टीमों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
- कुंभ मेला प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कई सख्त कदम उठाने की बात कही है। भीड़ नियंत्रण के लिए प्रशासन ड्रोन कैमरों और अन्य तकनीकों का इस्तेमाल कर रहा है।
श्रद्धालुओं के लिए जारी किए गए दिशा-निर्देश
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे संयम बनाए रखें और कुंभ मेला क्षेत्र में आने से पहले दिए गए निर्देशों का पालन करें।
- बिना प्रशासन की अनुमति के संगम नोज क्षेत्र में प्रवेश न करें।
- भीड़ अधिक होने पर प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
- बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित स्थानों पर रखें।
- स्नान के लिए अपनी बारी का इंतजार करें और धक्का-मुक्की न करें।
अखाड़ों ने जताया दुख, श्रद्धालुओं से शांति बनाए रखने की अपील
महाकुंभ 2025 में हुई इस अप्रिय घटना पर सभी प्रमुख अखाड़ों ने गहरा दुख व्यक्त किया है। अखाड़ों के संतों और महंतों ने श्रद्धालुओं से संयम बरतने और मेला प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है।
महाकुंभ 2025 में भगदड़ की मुख्य वजहें
- अत्यधिक भीड़ नियंत्रण में असफलता – श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को संभालने में प्रशासन विफल रहा।
- संगम क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था का अभाव – मुख्य स्नान स्थल पर पर्याप्त बैरिकेडिंग और सुरक्षा बलों की कमी।
- श्रद्धालुओं की असावधानी – अधिक संख्या में लोग एक साथ स्नान करने पहुंचे, जिससे दबाव बढ़ गया।
- आपातकालीन निकास मार्गों की कमी – भगदड़ की स्थिति में लोग सुरक्षित निकल नहीं पाए।
- अव्यवस्थित यातायात – एंबुलेंस और राहत कार्यों में बाधा बनी।
सरकार का रुख और अगली रणनीति
- उत्तर प्रदेश सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है।
- इसके अलावा, आने वाले स्नान पर्वों के लिए भीड़ नियंत्रण के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से संयम बरतने और कुंभ मेला क्षेत्र में धैर्य रखने की अपील की है।