
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी 2025 को फाइनेंशियल ईयर 2025 का बजट पेश करने जा रही हैं। टैक्सपेयर्स और इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स इस बजट को लेकर बेहद उत्सुक हैं। देश की अर्थव्यवस्था इस समय कई चुनौतियों का सामना कर रही है, जिससे बजट 2025 (Budget 2025 Expectations) में कुछ महत्वपूर्ण सुधारों की उम्मीद की जा रही है। खासतौर पर इनकम टैक्स (Income Tax) के क्षेत्र में बड़े बदलावों की संभावना जताई जा रही है।
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1. स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) की लिमिट में बढ़ोतरी की संभावना
मिडिल क्लास सैलरीड कर्मचारियों को राहत देने के लिए सरकार स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction Hike) की लिमिट को बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर सकती है। अगर ऐसा होता है, तो लोगों के पास अधिक डिस्पोजेबल इनकम होगी, जिससे उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी और इकोनॉमिक एक्टिविटी में तेजी आएगी।
2. बेसिक एग्जम्प्शन लिमिट (Basic Exemption Limit) 5 लाख रुपये होने की उम्मीद
मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स की एक बड़ी मांग है कि बेसिक एग्जम्प्शन लिमिट (Basic Exemption Limit) को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जाए। अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो इसका सीधा लाभ निम्न और मध्यम आय वर्ग को मिलेगा, जिससे उनकी टैक्स देनदारी कम होगी।
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3. सेक्शन 80C के तहत डिडक्शन लिमिट (Deduction Limit) बढ़ सकती है
सेविंग्स और इंवेस्टमेंट को बढ़ावा देने के लिए एक्सपर्ट्स सरकार से सेक्शन 80C के तहत डिडक्शन लिमिट को 1.5 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये करने की मांग कर रहे हैं। यह कदम लोगों को अधिक निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगा और आर्थिक स्थिरता लाने में मदद करेगा।
4. महिलाओं के लिए रोजगार को बढ़ावा देने वाले टैक्स रिफॉर्म्स
महिला वर्कफोर्स की भागीदारी को बढ़ाने के लिए इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80JJA के तहत नए रोजगार सृजन (New Employment Generation) के लिए वेतन सीमा को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 35,000 रुपये किया जा सकता है। इसके अलावा, महिला कर्मचारियों को हायर करने पर कंपनियों को अतिरिक्त 50% टैक्स बेनिफिट्स देने की संभावना है। यह बदलाव महिलाओं के रोजगार के अवसरों को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा।
5. टैक्स छूट में राहत की उम्मीद
सरकार बजट 2025 में निवेश को बढ़ावा देने के लिए इक्विटी निवेशों पर ज्यादा टैक्स छूट दे सकती है। इसके अलावा, टैक्स नियमों को आसान और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने पर भी विचार किया जा रहा है। कैपिटल गेन टैक्स (Capital Gains Tax) में बदलाव कर सरकार ऐसे निवेशों को प्रोत्साहित कर सकती है, जो भविष्य में संपत्ति निर्माण में सहायक हों। साथ ही, इनकम टैक्स दरों में कमी लाने की भी संभावना है, जिससे आम जनता को सीधा लाभ मिलेगा।