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1 अप्रैल से बड़ा बदलाव! यूनिफाइड पेंशन स्कीम से मिलेगी मोटी पेंशन – जानिए कैसे उठा सकते हैं फायदा

यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) भारत के केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उन्हें एक निश्चित और स्थिर पेंशन प्रदान करेगी। यह NPS की तुलना में अधिक लाभदायक विकल्प हो सकता है, खासकर उन कर्मचारियों के लिए जो वित्तीय सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं।

By PMS News
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1 अप्रैल से बड़ा बदलाव! यूनिफाइड पेंशन स्कीम से मिलेगी मोटी पेंशन – जानिए कैसे उठा सकते हैं फायदा
यूनिफाइड पेंशन स्कीम

भारत सरकार 1 अप्रैल 2025 से यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को लागू करने जा रही है। यह निर्णय 24 अगस्त 2024 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर किया गया था और वित्त मंत्रालय ने 25 जनवरी 2025 को इसे नोटिफाई किया। इस स्कीम को लेकर कई चर्चाएं हो रही हैं कि आखिर यह किस प्रकार मौजूदा नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) से अलग होगी, इसमें कर्मचारियों को क्या लाभ मिलेगा और इसकी शर्तें क्या होंगी। इस लेख में हम आपको इस नई स्कीम के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।

कौन ले सकता है UPS का फायदा?

वित्त मंत्रालय द्वारा जारी गजट नोटिफिकेशन के अनुसार, UPS 1 अप्रैल 2025 से उन केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए लागू होगी, जो वर्तमान में NPS के तहत आते हैं और जो UPS का विकल्प चुनते हैं। इस स्कीम के तहत करीब 23 लाख सरकारी कर्मचारियों को NPS और UPS में से चुनाव करने का विकल्प मिलेगा। UPS के लागू होने की तारीख तक जो कर्मचारी NPS में शामिल रहेंगे, वे चाहें तो UPS को अपना सकते हैं या NPS में ही रह सकते हैं। साथ ही, भविष्य में भर्ती होने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए भी यह स्कीम उपलब्ध होगी।

यूनिफाइड पेंशन स्कीम में पेंशन का निर्धारण

UPS के तहत रिटायरमेंट से पहले के 12 महीनों की औसत बेसिक सैलरी का 50% रिटायरमेंट के बाद फुल एश्योर्ड पेंशन के रूप में दिया जाएगा। हालांकि, यह लाभ तभी मिलेगा जब कर्मचारी की कम से कम 25 वर्षों की सेवा पूरी हो। यदि कर्मचारी को सेवा से हटाया जाता है, बर्खास्त किया जाता है या वह इस्तीफा देता है, तो उसे यह एश्योर्ड पेंशन नहीं मिलेगी।

यदि कर्मचारी की सेवा अवधि 25 वर्ष से कम रहती है, तो भी पेंशन दी जाएगी, लेकिन इसका प्रतिशत कम होगा। 10 साल या उससे अधिक की सेवा करने वाले कर्मचारियों को कम से कम 10,000 रुपये प्रति माह की न्यूनतम पेंशन दी जाएगी।

पेंशन योजना में सरकार का योगदान

वर्तमान में केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों की पेंशन में 14% योगदान देती है। लेकिन UPS लागू होने के बाद, यह योगदान बढ़कर 18.5% हो जाएगा। वहीं, कर्मचारियों को अपनी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 10% योगदान करना होगा। यह बदलाव NPS के मुकाबले UPS को अधिक आकर्षक बनाता है।

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UPS का विकल्प चुनने पर कर्मचारी का NPS फंड क्या होगा?

जो कर्मचारी NPS से UPS में शिफ्ट होते हैं, उनके परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (PRAN) में मौजूद फंड को UPS के तहत कर्मचारी के व्यक्तिगत फंड में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। यह बदलाव कर्मचारी के रिटायरमेंट लाभों को सुनिश्चित करेगा और अधिक स्थिरता प्रदान करेगा।

वॉलंटरी रिटायरमेंट और फैमिली पेंशन

अगर कोई सरकारी कर्मचारी 25 वर्षों की सेवा पूरी करने के बाद वॉलंटरी रिटायरमेंट लेता है, तो UPS के तहत उसे उसी दिन से पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी। लेकिन यह तभी संभव होगा जब कर्मचारी की सेवा निरंतर रही हो।

यदि पेंशन लेने वाले कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके कानूनी रूप से विवाहित जीवनसाथी को उसकी पेंशन का 60% फैमिली पेंशन के रूप में दिया जाएगा।

पेंशन पर महंगाई राहत (Dearness Relief)

UPS के तहत महंगाई राहत (Dearness Relief – DR) भी उपलब्ध होगी। DR की गणना उसी प्रकार की जाएगी जैसे कि सेवारत कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) के लिए की जाती है। इसका अर्थ यह है कि UPS के तहत मिलने वाली पेंशन समय के साथ महंगाई को ध्यान में रखते हुए बढ़ेगी।

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