
हरियाणा सरकार ने सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील (Mid-Day Meal) की गुणवत्ता और पौष्टिकता बढ़ाने के लिए एक नई पहल की है. इस योजना के तहत अब स्कूलों में ताजा और जैविक सब्जियां उगाई जाएंगी, जिससे छात्रों को अधिक पौष्टिक भोजन मिल सके. जिन स्कूलों में किचन गार्डन (Kitchen Garden) के लिए पर्याप्त जगह नहीं होगी, वहां छत पर गमलों और पॉलीबैग में सब्जियां उगाने की व्यवस्था की जाएगी. इस कदम से बच्चों को स्वस्थ भोजन उपलब्ध होगा और स्कूलों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा.
मिड-डे मील मेन्यू का अनिवार्य पालन
हरियाणा के मौलिक शिक्षा विभाग ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि मिड-डे मील मेन्यू (Mid-Day Meal Menu) का सख्ती से पालन किया जाए. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बच्चों को संतुलित और पौष्टिक भोजन (Balanced and Nutritious Mid-Day Meal) मिले. यदि किसी विद्यालय में मेन्यू के अनुसार भोजन तैयार नहीं किया गया, तो विद्यालय के मुखिया और मिड-डे मील इंचार्ज पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
रसोई की स्वच्छता और राशन की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान
मिड-डे मील योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए स्कूलों में रसोई की स्वच्छता (Kitchen Hygiene) और राशन के रखरखाव (Storage of Ration) पर विशेष जोर दिया जाएगा. किचन में सफाई बनाए रखना अनिवार्य होगा और किसी भी तरह की गंदगी, मकड़ी के जाले, चूहों आदि को पूरी तरह से रोकने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा:
- सभी रसोइयों और हेल्पर्स को निर्धारित यूनिफॉर्म (Uniform for Cooks and Helpers) में रहना होगा.
- अनाज और सूखे दूध जैसी सामग्रियों की गुणवत्ता (Quality of Dry Ration) सुनिश्चित करनी होगी.
- भोजन तैयार करने की प्रक्रिया की नियमित जांच की जाएगी.
निरीक्षण और कड़ी निगरानी
मौलिक शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि मिड-डे मील योजना (Mid-Day Meal Scheme) से जुड़ी सभी जानकारियों का नियमित रिकॉर्ड दर्ज करना अनिवार्य होगा. स्कूलों में ऑनलाइन और ऑफलाइन रिकॉर्ड (Synchronization of Student Data) का मिलान किया जाएगा. यदि निरीक्षण के दौरान विद्यार्थियों की संख्या में कोई अनियमितता पाई गई या भोजन की गुणवत्ता में कमी मिली, तो संबंधित स्कूल प्रमुख और मिड-डे मील इंचार्ज के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
मिड-डे मील योजना के प्रमुख लाभ
हरियाणा सरकार की यह पहल कई मायनों में लाभकारी साबित होगी:
- बच्चों के पोषण स्तर में सुधार (Enhanced Nutritional Value)
- स्वस्थ भोजन की उपलब्धता (Healthy Food Availability)
- विद्यालयों की आत्मनिर्भरता में वृद्धि (Self-Sufficient Schools)
- मिड-डे मील योजना की पारदर्शिता सुनिश्चित होगी (Transparency in Meal Distribution)
- बच्चों को जैविक और ताजा भोजन प्राप्त होगा (Organic and Fresh Food for Students)
सरकार की यह पहल क्यों महत्वपूर्ण है?
मिड-डे मील योजना में यह बदलाव बच्चों के संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और स्कूलों को आत्मनिर्भर (Self-Sufficient) बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. यह पहल कुपोषण की समस्या (Malnutrition in Government Schools) को कम करने में मदद करेगी और छात्रों को संतुलित आहार मिलेगा. स्वस्थ छात्रों का मानसिक और शारीरिक विकास भी बेहतर होगा, जिससे वे अपनी पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन कर सकेंगे.